GDP(gross domestic product) में आज तक की सबसे भारी गिरावट, -23.9% रही देश की GDP। जाने वजह,
यह देश की आर्थिक हेल्थ के बारे में बताता है। भारत में जीडीपी का आंकड़ा राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) जारी करता है।
कैसे होती है गणना:
जीडीपी की गणना निम्नलिखित सूत्र के द्वारा कि जाती है,
GDP = C + I + G + (X-M)
जहा,
C = कंज्यूमर एक्सपेंसेज
I = इंडस्ट्रीज इन्वेस्टमेंट
G = गवर्नमेंट एक्सपेंडीचर
X = एक्सपोर्ट
M = इंपोर्ट
देश में तिमाही (क्वार्टर) का जीडीपी निकालना 1996 से निकालना शुरू किया गया था। (उससे पहले सिर्फ ईयरली डेटा होता था)
पिछले साल का GDP क्या रही थी:
2019-20 का जीडीपी, जो मार्च में बीत चुका है। उस तिमाही में जीडीपी रेट निम्नलिखित है,
1st Quarter : 5.2%2
2nd Quarter : 4.4 %
3rd Quarter : 4.1%
4th Quarter : 3.1 %
सबसे बुरा हाल भारत का ही क्यों है?
जीडीपी की गिरावट की सबसे बड़ी वजह तो कोरोना पेंडेमिक है।
ऐसा भी नहीं है कि जीडीपी गिरने की सारी वजह कोरोना पेंडेमिक है।पिछले साल ही लगातार जीडीपी गिरता जा रहा था। 5.2 प्रतिशत से गिरकर 3.1 प्रतिशत पर आ गए थे।उससे पहले की भी बात करें तो डीमोनेटाइजेशन बाद से हमारी स्थित सुधरी ही नहीं।
डीमोनेटाइजेशन के वक्त हमारी जीडीपी ग्रोथ रेट 8.6 प्रतिशत थी।
इसके बाद जीएसटी लागू हुई।
तब हमारी जीडीपी 6.5 प्रतिशत थी। इन दोनों फैसलों ने हमारे अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर को तबाह कर दिया। 95 प्रतिशत रोजगार अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में होती हैं।
(ऑर्गेनाइज्ड मतलब बड़ी इंडस्ट्री और इन ऑर्गेनाइज्ड मतलब छोटी और घरेलू इंडस्ट्री इसके अलावा रेहड़ी पटरी वाले कारोबारी) केंद्र सरकार ने इसपर ध्यान नहीं दिया। पिछले फाइनेंशियल ईयर 2019-20 में हालात और खराब होते चले गए।
अभी भी केंद्र सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (Chief Economic Adviser) के. सुब्रमण्यम का कहना है कि हमारी जीडीपी V-shape में रिकवर करेगी।लेकिन देश के बड़े अर्थशास्त्रियों का कहना है कि हमे पिछले फाइनेंशियल ईयर की हैसियत (ढ़ाई ट्रिलियन डॉलर) के बराबर आने दो साल लग जाएंगे।
जीडीपी को नियंत्रित करने अनऑर्गेनाइज सेक्टर को मजबूत करना होगा, डिमांड क्रिएट करना होगा ।
पिछली बार कब नेगेटिव ग्रोथ रेट देखने को मिली:
इससे पूर्व 40 साल पहले ऐसा हुआ था। 1979-80 में जीडीपी नेगेटिव में -5.2 प्रतिशत रहा था।
लेकिन इस आंकड़े में ध्यान रखना होगा कि यह पूरे साल का आंकड़ा था।
इस बार की बात सिर्फ तिमाही की बात कर रहे हैं। हालांकि माना जा रहा है कि पूरे साल का जीडीपी आंकड़ा -10 प्रतिशत रह सकता है।
पिछले 70 सालों में कब-कब नेगेटिव ग्रोथ रेट रही :
पिछले 70 सालों में कब-कब नेगेटिव ग्रोथ रेट रही है यह जाने,
1957-58 : -2.64%
1965-66 : -3.7%
1972-73 : -0.3%
1979-80 : -5.24%
आशंका है कि वित्त वर्ष 2020-21 में ईयरली जीडीपी ग्रोथ रेट -10 प्रतिशत हो सकती है।
2020-2021 के 1st क्वार्टर में जीडीपी में सेक्टर के अनुसार कितनी गिरावट आयी,
1st क्वार्टर में जीडीपी में अन्य सेक्टर के अनुसार गिरावट निम्नलिखित है,
इंडस्ट्री -38% (पिछले साल 4.2%)
सर्विस -20.6% (पिछले साल 5.5%)
मैनिफैक्चरिंग – 39.3% (पिछले साल 3%)
एग्रीकल्चरी -3.4% (पिछले साल 3%)
ट्रेड, होटल -4.7% (पिछले साल 3.5%)
माइनिंग -23.3 (पिछले साल 4.7%)
गैस, पावर -7% (पिछले साल 8.8%
पब्लिक एडमेनिस्ट्रेशन (सरकारी खर्च) – 10.3% (पिछले साल 7.7%)
कंस्ट्रक्शन – 50.3% (पिछले साल 5.2%)
फाइनेंस, रियल स्टेट – 5.3% (पिछले साल 6%)
एग्रीकल्चर को छोड़कर बाकी सब में गिरावट दर्ज की गई है।
दुनिया की GDP की क्या हालत?
भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में पांचवें नंबर की है। हम हमेशा जी7 देशों से अपनी तुलना करते हैं। तो जी7 देशों में सबसे खराब हालत इंडिया की ही है। (अप्रैल-जून तिमाही)
G7 देशों में जीडीपी दर,
जापान -7.6%
अमेरिका -9.5%
जर्मनी -10.1%
कनाडा -12%
इटली -12.4%
फ्रांस -13.8%
यूके -20.4%
इंडिया -23.9%
(सिर्फ चीन है जो अप्रैल से जून तिमाही में +3.2% )
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Reviewed by Devendra Soni
on
सितंबर 02, 2020
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