दुनिया का सबसे लंबा हाईवे सुरंग "अटल टनल" का हुआ उद्घाटन, आइए जानें इससे जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य,
अटल टनल कहां स्थित है :
अटल टनल हिमाचल प्रदेश के मनाली के पास स्थित है। पहले इसका नाम रोहतांग टनल था।इसे बनने में लगभग 10 साल का वक्त लगा है। यह मनाली को लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़ती है। पहले मनाली से लाहौल-स्पीति घाटी जाने के लिए इस रास्ते का इस्तेमाल करना पड़ता था, अभी भी यह रास्ता है। पहले यह टनल पहाड़ पर दुर्गम रास्ता है। बर्फीले पहाड़ से होते हुए गुजरना पड़ता था। जिसमें पांच से छह घंटे लगते थे। तथा सर्दियों में यह रास्ता बंद हो जाता था। ऐसे में देश का बड़ा इलाका कट सा जाता था। लेकिन अब इस अटल टनल के निर्माण से सीधे मात्र एक घंटे में पार कर सकेंगे।
क्या है,अटल टनल की लंबाई और उचाई? :
दुनिया के सबसे बड़े सुरंग अटल टनल की लंबाई 9.02 किलोमीटर है जो कि 3060 मीटर (10040 फीट) की ऊंचाई पर दुनिया का सबसे बड़ा हाइवे टनल है।
अटल टनल से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य :
1 यह मनाली को लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़ने वाली अटल सुंरग दुनिया की सबसे लंबी हाइवे टनल है।
2 यह सुरंग घोड़े की नाल के आकार की है।
3 अब यह सवाल उठताााा है कि इसे किसने बनाया? BRO बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन द्वारा इसे लगभग 10 सालो में तैयार किया गया है।
4 इस सुरंग की समुद्रतल से ऊचाई : 3,060 मीटर (10040 फीट) है।
5 इसके निर्माण में कटिंग एज टेक्नोलॉजी तकनीक का उपयोग किया गया है।–
6 कितने लेन वाली टनल होगी : सिंगल ट्यूब डबल लेन.
7 कितनी लंबी टनल? : 9.02 किलोमीटर.
8 टनल की चौड़ाई? : 10.5 मीटर.
9 टनल की ट्रैफिक क्षमता? : 3,000 कारों और 1,500 ट्रक प्रतिदिन.
10 वाहनों की रफ्तार कितनी होगी? : टनल में पहले और आखिरी 400 मीटर के लिए स्पीड लिमिट 40 किलोमीटर प्रतिघंटा. बाकी दूरी में मैक्सिमम स्पीड 80 किलोमीटर प्रतिघंटे.
11 कितना स्टील का उपयोग हुआ? : 15000 टन स्टील. (9000 टन क्वालिटी स्टील SAIL ने सप्लाई किया)
टनल का फायदा?
अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि स्टाइल का आखिर फायदा क्या है जैसा कि हमने पहले पढ़ा की एक सुरंग पहले ही मौजूद थी जिसे रोहतांग टनल कहा जाता था किंतु सर्दियों के समय जब बर्फबारी होती थी तो यह टनल बंद सा पड़ जाता था जिससे लोगों की पहुंच असंभव हो जाती थी,
इस टनल के निर्माण से साल भर कनेक्टिविटी बने रहेगी। पहले मनाली से सिस्सू तक पहुंचने में 5 से 6 घंटे लग जाते थे, अब यह दूरी सिर्फ एक घंटे में पूरी की जा सकती है। इस टनल निर्माण से 46 किलोमीटर की दूरी कम होगी। अभी रोहतांग पास के जरिए मनाली से लेह जाने में 474 किलोमीटर का सफर तय करना होता है। अटल टनल से यह दूरी घटकर 428 किलोमीटर रह जाएगी।
टनल के अंदर एवं बाहर सिक्योरिटी सिस्टम?
इस टनल के दोनों सिरों पर एंट्री बैरियर्स लगे होंगे। हर 150 मीटर पर इमर्जेंसी कम्युनिकेशन के लिए टेलीफोन कनेक्शंस हैं। हर 60 मीटर तक फायर हाइड्रेंट मैकेनिज्म है ताकि आग लगने की सूरत में उसपर जल्दी काबू पाया जा सके। हर 250 मीटर तक सीसीटीवी कैमरों से लैस ऑटो इन्सिडेंट डिटेक्शन सिस्टम है। हर एक किलोमीटर पर हवा की मॉनिटरिंग की व्यवस्था है। हर 25 मीटर पर आपको एग्जिट और इवैकुएशन के साइन मिलेंगे। पूरी टनल के लिए एक ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम तैयार किया गया है।
उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा क्या कहा गया?
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस टनल के बनने के काम में 2014 में तेजी आई। साल 2002 में अटल जी ने इस टनल के लिए अप्रोच रोड का शिलान्यास किया था। किंतु इसका तकनीकि अप्रूवल 2003 में मिला। कैबिनेट कमेटी ऑन सुरक्षा ने 2005 में अप्रूव किया। 2006 में डिजाइन पास हुआ। पहले हर साल पहले 300 मीटर सुरंग बन रही थी, उसकी गति बढ़कर 1400 मीटर प्रति वर्ष हो गई।
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