China ने छीना भारत से 1000 squre fit भूमि, क्या है fingure 4 ? पढ़े पूरी रिपोर्ट,
क्या हैं इंडिया-चाइना के मध्य सीमा विवाद?
भारत चीीन के मध्य 1962 युद्ध के बाद दोनों देेशों के मध्य एक लाइन खींची गई, जिसे LAC (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) कहा गया।इसके एक तरफ भारतीय कंट्रोल का हिस्सा और दूसरी ओर चीन का कंट्रोल है।
एलएसी भी पूरी तरह तय नहीं है। भारत का दावा है कि LAC 3,488 किलोमीटर लंबा है, लेकिन चीन इसे लगभग 2000 किलोमीटर मानता है। दोनों देश की सेनाएं अपने-अपने दावे के अनुसार पेट्रोलिंग करती हैं। कुछ जगहों पर इंडियन आर्मी और चाइनीज PLA के बीच मई से ही स्टैंड ऑफ है। जैसे – पैंगोंग त्सो लेक, डेपसांग प्लेंस।
पैंगोंग त्सो लेक का ताजा विवाद क्या है?
लद्दाख में पैंगोंग त्सो लेक है।
जिसकी लंबाई 145 किलोमीटर है और चौड़ाई ज्यादातर हिस्से की छह किलोमीटर है।यह एक ब्रैकेश वाटर लेक (खारे पानी की झील) है।लेकिन इसका ज्यादातर हिस्सा चीन के कंट्रोल में है।इंडिया के कंट्रोल में केवल 45 किमी है। जबकि चीन के कंट्रोल में 90 किलोमीटर का एरिया है।
भारतीय सीमा तो काफी दूर तक है, लेकिन 1962 के वॉर में हमने इसका बड़ा हिस्सा खो दिया था।इसी लेक में फिंगर एरिया है। जहां पर पहाड़ फिंगर के शेप में हैं।
इंडिया का मानना है कि LAC फिंगर आठ से गुजरती है, जबकि चीन का कहना है कि LAC फिंगर दो से गुजरती है।भारत का पोस्ट है फिंगर 4 पर। चीन घुसपैठ करके फिंगर 5 में बैठा हुआ है।
बातचीत चल रही है, लेकिन वह हट नहीं रहा है।
ब्लैक टॉप कहां है और यहां पर क्या हुआ?
Black top , पैंगोंग त्सो लेक के सामने यानी साउथ साइड में है।
इसी हिस्से में से एक पहाड़ी के ऊपरी हिस्से का नाम है ब्लैक टॉप या काला टॉप।
इसी को लेकर इंडिया और चाइना में डिस्प्यूट है। वहां पर चीनी सैनिकों ने कैमरे और कई इक्यूपमेंट लगा दिए थे। ताकि वह भारत पर पूरी नजर रखी जा सके।
लेह का यह पूरा इलाका वीरान है।इस स्थान के सामने तीन जगह पर इंडियन आर्मी और ITBP का सेंटर है। यही रेजांगला वॉर मेमोरियल है जहा 1962 युद्ध हुआ था और इंडियन आर्मी ने चीन के कब्जे से इलाके को छीना था।
इस स्थान के बाजू में चुशूल एयरस्ट्रिप है। यहां आर्मी के प्लेन उतरते हैं।इसके कुछ किलोमीटर पर आईटीबीपी का चुशूल बेस है। जिसमें इंडियन आर्मी भी कैंप करती है।
इंडिया ने भी अपने सर्विलांस कैमरे इसके आस-पास लगाए हुए हैं। इंडिया को 29 और 30 अगस्त की रात को यह पता चला कि चीन यहां पर अपनी मिलिटरी बड़े पैमाने पर तैनात करने वाला है पूरी तरह से कब्जा करने की तैयारी है।तो इंडिया ने चीन को चौंकाते हुए पहले ही अपने सोल्जर्स इस एरिया के आस-पास भेज दिए।
इस ब्लैक टॉप पोस्ट पर इंडियन आर्मी ने कब्जा कर लिया। इसके आस-पास की पहाड़ी पर भी आर्मी तैनात कर दी गई है। इसी जगह का इस्तेमाल चीन ने 1962 के युद्ध में किया था। इसलिए यह बहुत स्ट्रैटेजिक लोकेशन है भविष्य के लिए भी यह काफी महत्वपूर्ण है, यही से चीन पर नजर रखी जा सकती है।
चीन ने सेना भेजकर ब्लैक टॉप पर कब्जे की कोशिश की-
इंडियन मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स (विदेश मंत्रालय) ने कहा है कि 31 अगस्त को चीन ने फिर कोशिश की, कि वह ब्लैक टॉप को कैप्चर कर लें।लेकिन यहां पर इंडियन सोल्जर्स तैनात थे। हमने चाइनीज सोल्जर्स को पुशबैक कर दिया।यह तब हुआ जब इंडिया और चाइना के बीच ब्रिगेडियर लेवेल की बातचीत चल रही थी तब।
अब चीन का क्या कहना है?
चीन ने कहा है कि इंडिया ने LAC (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) क्रॉस कर दी है। चीन नेे कहा है कि इंडियन आर्मी ने इलीगली LAC को क्रॉस कर लिया है।
इधर, अमेरिका के उपविदेश मंत्री ने कहा है कि इंडिया, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका को नाटो की तरह एक संधि करनी चाहिए।
जिसमें अगर इनमें से कोई भी देश पर अगर कोई अदर कंट्री हमला करता है तो यह चारों यानी अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और इंडिया पर हमला माना जाएगा । इसके बाद चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि अगर युद्ध होता है, तो अमेरिका भी नहीं बचा पाएगा।
द हिन्दू ने हालिया खबर पब्लिश की अपडेट भी जारी किया की, इस न्यूज में सीनियर गवर्नमेंट ऑफीशियल के हवाले से कहा गया है कि चीन ने हाल के महीनों में भारतीय दावे वाले 1000 वर्ग किलोमीटर इलाके पर नियंत्रण हासिल कर लिया है।
क्योंकि मई से ही लद्दाख में कई जगहों पर इंडियन और चाइनीज आर्मी के बीच स्टैंडऑफ देखने को मिल रहा है। रिपोर्ट के अनुसार डेपसांग प्लेंस में ही पेट्रोलिंग प्वाइंट 10 से 13 तक चीनी सेना का 900 स्क्वायर किलोमीटर का कब्जा हो गया है।
ईसके अलावा गलवान वैली से पिछले दिनों चीनी सेना पीछे हटी थी, लेकिन अभी भी LAC के भारतीय दावे के अनुसार 20 स्क्वायर किलोमीटर का अभी भी कब्जा है। हॉट स्प्रिंग गोगरा में भी 12 स्क्वायर किलोमीटर चीनी नियंत्रण में है।
इसके अलावा पैंगोंग त्सो लेक के उत्तरी किनारे में फिंगर एरिया में भी चीन ने 65 स्क्वायर किलोमीटर का कब्जा किया है,इसके पास में ही चुशूल में 20 क्वायर किलोमीटर पर भी चीनी सेना ने नियंत्रण कर लिया है।
दोनों देशों के टॉप सैन्य कमांडर के बीच बातचीत, डिप्लोमेटिक बातचीत के बावजूद सेनाओं का स्टैंडऑफ जारी है।
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