सरदार वल्लभ भाई पटेल की जीवनी, राष्ट्रीय एकता दिवस कब मनाया जाता है? उन्हें भारत रत्न कब दिया गया था? जाने

सरदार वल्लभ भाई पटेल जिसे हम लौह पुरुष के नाम से जानते हैं, स्वतंत्रता प्राप्त करने में इनका बहुत बड़ा योगदान रहा है आज 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जयंती मनाई जाती है, वे एक कुशल राजनीतिज्ञ थे, स्वतंत्रता पश्चात उन्होने 
3 वर्ष सन 1947 से सन 1950 तक प्रधानमंत्री का पद संभाला तत्पश्चात गृह मंत्री बनाए गए। आज हम जानेंगे लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी के बारे में,

जन्म : 31 अक्टूबर 1875
मृत्यु : 15 दिसंबर 1950
मृत्यु का कारण : दिल का दौरा
पिता का नाम : झवेर भाई पटेल
माता का नाम : लाड़बाई
पत्नी का नाम : झावेर बेन
बच्चे - दो (मनीबेन पटेल, दया भाई पटेल)

सरदार वल्लभभाई पटेल का पूरा नाम क्या था?

सरदार वल्लभ भाई पटेल का पूरा नाम वल्लभ भाई जवाहर भाई पटेल था। सरदार , उन्हें दी गई एक उपाधि थी। 

जन्म एवं जन्म स्थान:

इनका जन्म गुजरात के एक नाडियाड में 31 अक्टूबर सन 1885 में हुआ था। पटेल जी का जन्म एक जमींदार परिवार में हुआ था।

शिक्षा एवं पारिवारिक जीवन
 
उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा कर्मसाद नामक स्थान पर ग्रहण की तथा उच्च माध्यमिक शिक्षा पेटलाद में संपूर्ण की।

पटेल जी का विवाह 16 वर्ष की उम्र में ही हो गया तत्पश्चात 22 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपनी मैट्रिक की परीक्षा पास की। कानून की शिक्षा लेने जिला (pleader's) याचिकाकर्ता की परीक्षा भी पास की। इस परीक्षा को पास करने पर साथ ही वे कानूनी दांवपेच में अच्छी पकड़ रखने लगे थे। सन 1908 में अपनी पत्नी की मृत्यु हो जाने पश्चात वे अकेले रहने लगे। उनके एक बेटा और बेटी भी थी।

करियर और राजनीतिक कार्यक्षेत्र:

कानून की पढ़ाई हो 1910 में बैरिस्टर की पढ़ाई करने इंग्लैंड गए, तथा 1913 में वे कानून की डिग्री ले भारत लौटे। उन्होंने इंस ऑफ कोर्ट से कानून की डिग्री हासिल की। भारत लौटने के पश्चात भी उन्होंने गुजरात के गांव गोधरा में अपनी कानून की पढ़ाई चालू रखी, क्योंकि पटेल जी कानून के दांव पेच में अच्छी पकड़ रखते थे इसीलिए उन्हें ब्रिटिश सरकार की ओर से कई बड़े-बड़े आकर्षक पद दिए जा रहे थे किंतु पटेल जी ब्रिटिश के कट्टर विरोधी थे इसीलिए उन्होंने उन सभी पदों को ठुकरा दिया।

पटेल जी को सरदार कि उपाधि क्यो दी गई ?

गांधी जी से प्रेरणा लेकर इन्होंने राजनीति की ओर कदम रखा। गांधीवादी सिद्धांतो को अपनाकर वे राजनीति की ओर चल पड़े। वे 1917 में गुजरात सभा के सचिव पद पर चयनित हुए, 1918 में नो टैक्स कैंपेन का नेतृत्व किया जिसमें बाढ़ से प्रभावित उन सभी किसानों को अंग्रेजी सरकार को कर देने से मना किया गया तथा उन पर कर का दबाव न बनाने कि बात कहीं गई। इसमें वह सफल भी हुए इसी वजह से उन्हें किसानों द्वारा सरदार कि उपाधि प्रदान की गई थी।


गए थे जेल :

जानकर हैरानी होगी कि गांधीजी के सत्याग्रह नमक कानून सत्याग्रह के पश्चात पटेल जी उन नेताओं में से एक थे जिन्हें आंदोलन के पश्चात गिरफ्तार किया गया सन 1931 में गांधी और वायसराय लॉर्ड इरविन समझौते के पश्चात उन्हें जेल से रिहा किया गया था।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का करते रहे सपोर्ट:

वे कांग्रेस कि तरफ से चुनाव तो नहीं लडे किंतु उन्होंने कांग्रेस का प्रचार अवश्य ही किया है, 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया, तथा पूरा भारत भ्रमण किया। उनकी कांग्रेसी नेताओ के साथ बिल्कुल नहीं जमती थी खासकर जवाहर लाल नेहरू से वे अक्सर खफा रहा करते थे उनकी नीतियों के वे सदैव खिलाफ रहे थे।


भारत पाकिस्तान विभाजन में रही मुख्य भूमिका:

1946 में भारत का प्रतिनधित्व करने का जिम्मा इन्हे सौपा गया था, लोगों को एकता और अखंडता के सूत्र में पिरोने में आपने कहीं कसर नहीं छोड़ी। तथा भारत के दो हिस्सो में विभाजित करने के निश्चय में सहमति जताई। ताकि हिंदू मुस्लिम एकता बनीं रहे। हिंसा से मुक्ति मिल सके।

स्वतंत्रता पश्चात् राजनीतिक जीवन:

स्वतंत्रता के पश्चात आपको 1947 से 1950 तक भारत के उपप्रधानमंत्री के रूप में तथा उसके पश्चात देश के पहले गृह मंत्री का पद दिया गया था।

राष्ट्रीय एकता दिवस कब मनाया जाता है ?

सरदार पटेल जी की जयंती 31 अक्टूबर को प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है भारत को एकता के सूत्र में पिरोने वाले ऐसे महान सपूत के जन्मदिवस को प्रत्येक वर्ष यह दिवस मनाया जाता है।

पटेल जी की मृत्यु कब हुई ?: 

पटेल जी की मृत्यु 75 वर्ष की उम्र में दिल का दौरा पड़ने की वजह से बॉम्बे वर्तमान मुंबई में हो गया था।


सरदार वल्लभ भाई पटेल को भारत रत्न कब दिया गया?

पटेल जी को उनके द्वारा किए गए कार्य हेतु 1991 में मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था।

ऐसे महान सपूत जिन्होंने अपने जीवन का सर्वस्व देश के प्रति न्योछावर के दिया उनके द्वारा दी गई सीख को हमे सदैव याद रखना है कि हम एक है तो हम अद्वितीय है, भारत की यह एकता और ताकत ही भारत को अन्य देशों से उच्च बनती है।

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सरदार वल्लभ भाई पटेल की जीवनी, राष्ट्रीय एकता दिवस कब मनाया जाता है? उन्हें भारत रत्न कब दिया गया था? जाने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जीवनी, राष्ट्रीय एकता दिवस कब मनाया जाता है? उन्हें भारत रत्न कब दिया गया था? जाने Reviewed by Devendra Soni on अक्तूबर 31, 2020 Rating: 5

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