Pakistan क्यों दिखा रहा india को अपने नक्शे में ? क्या है, जूनागढ़ रियासत ? History of junagdh..

क्या है, जूनागढ़ रियासत आजादी से पूर्व क्या रही है जूनागढ़ का इतिहास मोहम्मद अली जिन्ना क्या चाहते थे आइए जाने इसके बारे में
जूनागढ़ का इतिहास :

15 अगस्त सन 1947 आजादी से पूर्व ही सन्नी से 46 में कैबिनेट मिशन लाया गया जिसमें यह कहा गया था कि भारत में एक संविधान सभा का निर्माण किया जाएगा तथा एक अंतरिम सरकार का गठन होगा हालांकि उस समय भारत और पाकिस्तान के मध्य विभाजन की कोई बात नहीं कही गई थी आजादी पूर्व ही संविधान सभा का गठन हुआ जुलाई सन 1946 में संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 निश्चित की गई जिसमें 292 ब्रिटिश प्रतिनिधि तथा चार कमिश्नर क्षेत्रों के प्रतिनिधि एवं 93 देसी रिचा या तो रियासतों के प्रतिनिधि थे इस सभा के सबसे बुजुर्ग सदस्य डॉ सच्चिदानंद सिन्हा थे जिन्हें सभा का अस्थाई अध्यक्ष चुना गया हैदराबाद एक देशी रियासत थी जिसके प्रतिनिधि संविधान सभा में सम्मिलित नहीं हुए थे 11 दिसंबर 1946 को डॉ राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के स्थाई अध्यक्ष निर्वाचित हुए इसमें प्रारूप समिति बनाई गई जिसके अध्यक्ष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को चुना गया इस समिति के सदस्यों की संख्या 7 थी संविधान सभा में अंबेडकर का निर्वाचन पश्चिम बंगाल से हुआ था संविधान निर्माण की प्रक्रिया में कुल 2 वर्ष 11 महीना 18 दिन लगे और भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ

15 अगस्त सन 1947 में भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम पारित किया गया भारत आजाद होने ही वाला था और भारत और पाकिस्तान दो रूपों में टूट गए भारत में रहने वाले देसी रियासतों को कहा गया कि वह चाहे तो भारत य पार्क दोनों में शामिल हो सकते हैं या फिर स्वतंत्र रह सकते हैं उन्हें यह तीन विकल्प रखे गए कई रियासतें पाकिस्तान की ओर चले गई और कई भारत की ओर

27 जून सन 1947 को लॉर्ड माउंटबेटन ने सरदार वल्लभभाई पटेल की अध्यक्षता में राज्य विभाग पुनर्गठन की शुरुआत की सरदार वल्लभभाई पटेल और वीपी मेनन ने भारतीय देसी रियासतों के एकीकरण का बीड़ा उठाया तथा सरदार पटेल ने एक विलय पत्र को तैयार किया जिसे सभी रियासतों को भेजा जाना था 5 जुलाई सन 1947 को सभी रियासतों को यह भेजना शुरू हुआ 

विलय पत्र में तीन मुख्य शर्ते रखी गई :
1) देसी रियासतों के रक्षा के अधिकार भारत सरकार के पास होंगे
2) देसी रियासतों के विदेशी मामले भारत सरकार के पास होंगे
3) देसी रियासतों के संचार के माध्यम भारत सरकार देखेगी

इनके अलावा बाकी सारे अधिकार देसी रियासतों के पास ही रहेंगे इस विलय पत्र पर अधिकतर सभी  रियासतों ने विलय कर लिए किंतु 3 रियासतें बच गई जिसमें था:
1) जम्मू एंड कश्मीर देसी रियासत 2) जूनागढ़ देस रियासत और
3) हैदराबाद देसी रियासत।

1 और 2 अगस्त 1947 आजादी से पूर्व ही लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत की सारी देशी रियासतों के नवाबों की बैठक ली तथा उन्हें धमकाया और उन्हें भारत की ओर आने के फायदे भी गिनाए लॉर्ड माउंटबेटन द्वारा उन्हें समझाया गया कि समय आने पर यह सहायता के वर्क भारत ही उनका साथ दे सकता है लॉर्ड माउंटबेटन द्वारा समझाए जाने पर अधिकतर देसी रियासतों ने भारत में विलय पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए।

जूनागढ़ देसी रियासत की मंशा क्या थी ?

लॉर्ड माउंटबेटन द्वारा समझाया जाने के पश्चात भी जूनागढ़ देसी रियासत स्वतंत्र रहने की इच्छा जाहिर करता रहा परंतु उसका एक शासक महावत खाने स्वतंत्र रहने की इच्छा जाहिर की परंतु 14 अगस्त सन 1947 को जूनागढ़ देसी रियासत ने पार्क में विलय की घोषणा कर दी और सितंबर 1947 को पाक ने इस विलय को स्वीकार भी कर लिया जूनागढ़ के पार्क में शामिल हो जाने से स्वतंत्र भारत के गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल जी काफी नाराज हुए और उन्होंने जूनागढ़ में सेना भेजकर जूनागढ़ के दो मुख्य रियासतों को अपने कब्जे में कर लिया जिसमें पहला था मांगरोल और दूसरा बावरिया वाड

शासक महावत खा के पाकिस्तान में मिल जाने की वजह :

महावत ख़ां ने सर्वप्रथम जूनागढ़ रियासत को स्वतंत्र रखने की घोषणा की परंतु आजादी पूर्व ही उसने अपना निर्णय बदल कर आंख में विलय की घोषणा की इसके पीछे का कारण माना जाता है कि मोहम्मद अली जिन्ना जो कि मुस्लिम लीग के संस्थापक रहे हैं उन्होंने महावत ख़ां के दीवान को हटाकर शाहनवाज भुट्टो को वहां का दीवान बना दिया जो कि पूर्व पाकिस्तान प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के दादाजी थे इसी दीवान के दबाव में ही 14 अगस्त सन 1947 को जूनागढ़ रियासत का पार्क में विलय करवा दिया गया था ।

जूनागढ़ रियासत पर भारत का कब्जा :

मुस्लिम शासक महावत खा की मंशा थी कि वह जूनागढ़ रियासत को पाकिस्तान में ले जाए किंतु वहां की प्रजा हिंदू थी वह भारत में ही रहना चाहती थी क्योंकि महावत ख़ां वहां का शासक था इसीलिए उसने इस कब्जे पर काफी विरोध किए इसी दौरान जूनागढ़ रियासत की अंतरिम सरकार को मुंबई में बना दिया गया जिसके मुखिया महात्मा गांधी जी के पोते समलदास गांधी थे जिन्होंने जूनागढ़ के प्रभाव को शासक के विरुद्ध उकसाया प्रजा शसक के विरोध में उतर गई
 इससे डरकर वहां का शासक महावत ख़ां कराची भाग गया उसी दौरान वी पी मेनन ने अपनी कूटनीति विचारों का परिचय दिया तथा शाहनवाज भुट्टो को समझाया कि पाकिस्तान और भारत की भौगोलिक परिस्थिति ही यह नहीं कहती कि जूनागढ़ रियासत पार्क में शामिल हो सके क्योंकि पाकिस्तान और जूनागढ़ रियासत की भौगोलिक दृष्टि से दूरी भी काफी अधिक थी और साथ ही प्रजा भी पाकिस्तान में शामिल नहीं होना चाहती थी इसमें इस प्रकार उन दोनों के मध्य बातचीत हुए और यह निर्णय लिया गया कि एक जनमत संग्रह कराया जाए जिसमें रियासत के प्रचार द्वारा वोट हो जूनागढ़ रियासत में वोटिंग कराई गई जिसमें 91% लोग भारत में आना चाहते थे माना जाता है कि उस समय वोटिंग के वक्त दो डब्बे तैयार किए गए जिसमें पहला डब्बा नारंगी रंग और दूसरा हरा रंग कथा पहला डब्बा नारंगी रंग जो भारत को प्रतिनिधित्व करता था और दूसरा हरा डब्बा पाकिस्तान को।

इस प्रकार भारत की विजय हुई और नवंबर 1947 में शाहनवाज भुट्टो ने जूनागढ़ रियासत को भारत में विलय कर दिया20 फरवरी सन 1948 को आधिकारिक रूप से जूनागढ़ भारत का हिस्सा है।

जूनागढ़ कहां स्थित है :

जूनागढ़ वर्तमान गुजरात राज्य के दक्षिणी हिस्से में बसा हुआ एक जिला है जिसे वर्तमान में पाकिस्तान के नक्शे में दर्शाया गया है इस जिले का मुख्यालय भी है तथा 2011 की जनसंख्या में 319462 है जूनागढ़ की मुख्य भाषा गुजराती है

जूनागढ़ की प्राकृतिक सुंदरता :
गुजरात के दक्षिणी क्षेत्र में बसा हुआ जूनागढ़ प्राकृतिक तौर पर काफी सुंदर है गिरनार की पहाड़ियों से ढका हुआ यह क्षेत्र देखने में काफी मनमोहक लगता है जूनागढ़ का प्रवेश द्वार काफी विशाल है जूनागढ़ में ऊपरकोट की बौद्ध गुफाएं मौजूद है तथा दामोदर कुंड स्थित है जूनागढ़ जिले में ही गिर नेशनल पार्क बसा हुआ है जो कि एशियाई शेरों का घर माना जाता है

इस प्रकार हमने जाना कि जूनागढ़ रियासत को सन 1948 में आजादी पश्चात ही भारत में शामिल कर लिया गया था किंतु वर्तमान में पाकिस्तान ने जारी किए नक्शे में इसे अपना क्षेत्र बताया है जो कि बिल्कुल ही शर्म की बात है। पाकिस्तान द्वारा किया गया यह कृत्य इसलिए और शर्मनाक हो जाता है क्योंकि वह आए दिन भारत में जम्मू कश्मीर को अपने देश के नक्शे में दिखाता रहा है साथ ही यह जूनागढ़ को भी अपने नक्शे में दिखा रहा है।



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Pakistan क्यों दिखा रहा india को अपने नक्शे में ? क्या है, जूनागढ़ रियासत ? History of junagdh.. Pakistan क्यों दिखा रहा india को अपने नक्शे में ? क्या है, जूनागढ़ रियासत  ? History of junagdh.. Reviewed by Devendra Soni on अगस्त 11, 2020 Rating: 5

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