क्या होता है, Time capsule..? आखिर क्यों है चर्चा में?

क्या होता है Time capsule?? अभी यह चर्चा मैं क्यों है..?
नरेंद्र मोदी द्वारा टाइम कैप्सूल को  ayodhya राम मंदिर में दफनाने की बात कही जा रही है,क्या होता है टाइम कैप्सूल ?



तो आइए जानते है क्या होता है Time capsule :

टाइम कैप्सूल तांबा , stainless-steel तथा कांच से बनी हुई एक कैप्सूल नुमा अथवा सिलेंडर नुमा कंटेनर (पात्र) होता है जिसमें ऐसे पत्रों या शिलालेखों का संग्रह होता है जिसमें आज की या वर्तमान  परिस्थिति का उल्लेख होता  है । जैसा कि इसके पहले पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लाल किले के सामने टाइम कैप्सूल को दफनाया गया था । जिसमे आजादी पश्चात 25 वर्षों की परिस्थिति का वर्णन माना जाता है, उस  कैप्सूल के अंदर क्या था और क्या नहीं इसका खुलासा सरकार द्वारा कभी नहीं किया गया और ना ही किया जाएगा ।विरोधियों द्वारा इसका विरोध किया गया था कि इंदिरा गांधी द्वारा गांधी परिवार के सहयोग अथवा कार्यों का वर्णन उस कैप्सूल में किया गया है इसीलिए मुरारजी सरकार द्वारा 1977 में टाइम कैप्सूल को निकाला गया किंतु उस पत्र में क्या लिखा था, इसे उजागर किसी के द्वारा नहीं किया गया और उसे पुनः दफना दिया गया। टाइम कैप्सूल में कुछ जानकारी होती है जो केवल इसलिए दफ्न की जाती है ताकि हमारी संस्कृति अथवा परिस्थिति को आने वाली पीढ़ी या आने वाला समय जान सके, पहचान सके ।

क्यों है खबरो में :

राम जन्म भूमि अयोध्या में 5 अगस्त 2020 को वर्तमान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा टाइम कैप्सूल को 5000 फीट नीचे दफनाया जाएगा। इसके साथ ही साथ भव्य राम मंदिर स्थापना कार्य शुरुआत हेतु भूमि पूजन भी किया जाएगा।
तो हम एक शब्द में कहे कि टाइम कैप्सूल क्या होता है : तो यह एक प्रकार का पात्र है जिसके अंदर पत्रों,लिपि का संग्रह होता है जिसकी जानकारी गुप्त रखी जाती है । यह पात्र मौसम रोधी होता है जिसका कार्यकाल लगभग 5000 साल तक माना जाता है अर्थात इसमें किसी प्रकार की खराबी नहीं आती।

सबसे पुराना Time capsule क्या इसके पीछे का इतिहास:

जिस प्रकार पुराने समय में राजा महाराजाओं द्वारा शिलालेख, स्तंभ,ताम्रपत्र  में शिल्प या किसी लिपि के द्वारा उस समय के सामाजिक राजनीतिक व संस्कृति की स्थिति का उल्लेख किया जाता था, ठीक उसी प्रकार वर्तमान स्थिति में यह टाइम कैप्सूल के रूप में प्रयोग किया जाता है। हाल में 30 नवंबर 2017 को ही स्पेन के बरगोस में 400 साल पुराना एक टाइम कैप्सूल मिला जो कि ईसा मसीह की मूर्ति के आकार का था जिसमें 1777 के आसपास के दस्तावेज मिले हैं, इसके अलावा भी भारत में कई बार टाइम कैप्सूल को दफनाया गया है। 1973 में इंदिरा गांधी के सरकार के वक्त लाल किले के सामने 32 फीट नीचे कॉपर का बना हुआ एक टाइम कैप्सूल दफनाया गया जिसे काल पत्र का नाम दिया गया था।
टाइम कैप्सूल को दफनाने के पीछे उद्देश्य :

टाइम कैप्सूल को दफनाने का उद्देश्य केवल इतना होता है कि हजारों साल बाद जब लोग हमारी संस्कृति के बारे में खोज करें तो उन्हें वर्तमान परिस्थिति का सही ज्ञान हो इसके अलावा सांस्कृतिक राजनीति सामाजिक महत्व का ज्ञान हो जिस प्रकार हजारों वर्षों पूर्व मोहनजोदड़ो हड़प्पा संस्कृति की खुदाई के बाद यह ज्ञात हुआ कि वहां नगरों का विकास हुआ था ठीक उसी प्रकार आने वाले वक्त में जब लोग इस टाइम कैप्सूल को प्राप्त करेंगे तब उन्हें यह ज्ञान हो पाएगा कि उस समय की परिस्थितियां क्या थी और वह कैसा जीवन यापन कर रहे थे ।टाइम कैप्सूल दफनाने का उद्देश्य भी यही है कि लोग हजारों साल बाद भी हमारी संस्कृति को जान पाए।

क्या होता है, Time capsule..? आखिर क्यों है चर्चा में? क्या होता है, Time capsule..? आखिर क्यों है चर्चा में? Reviewed by Devendra Soni on जुलाई 28, 2020 Rating: 5

3 टिप्‍पणियां:

Copyright: GkgyanDev. merrymoonmary के थीम चित्र. Blogger द्वारा संचालित.