आयिए जाने Ayodhya Ram mandir के बारे में, राम मंदिर से जुड़े इतिहास के बारे में।

आयिए जाने राम मंदिर के पीछे जुड़ा हुआ इतिहास। राम मंदिर का हुआ भूमि पूजन, क्या था बाबरी मस्जिद और राम मंदिर के बीच का विवाद ? आइए जाने पूरा घटनाक्रम:
राम मंदिर के पीछे जुड़ा हुआ महत्वपूर्ण इतिहास :

पानीपत के प्रथम युद्ध सन 1529 में बाबर और इब्राहिम लोदी के मध्य लड़ा गया जिसमें बाबर की जीत हुई बाबर नहीं मुगल साम्राज्य की स्थापना की सन 1527 और 28 के मध्य में बाबर केक सेनापति द्वारा जिसका नाम था मीर बाकी उसके द्वारा एक मंदिर को तोड़ बाबर के नाम पर एक बाबरी मस्जिद का निर्माण किया गया किंतु इसके प्रमाण मौजूद नहीं है परंतु 1611 में एक ब्रिटिश यात्री विलियम फिंच जब भारत आया तो उसने अयोध्या में राम मंदिर के गाए जाने का जिक्र अपने दर्शन शास्त्र पुस्तक ने की थी

सन 1857 में हनुमानगढ़ी के एक महंत ने उस मस्जिद में चबूतरा बनवाया इसे ही राम जन्मभूमि कहा गया था 1857 में हिंदू और मुस्लिम के मध्य बहुत से झगड़े हुए तथा मस्जिद के मौलवी मोहम्मद असगर ने अदालत में इसकी अर्जी लगाई तथा राम मंदिर के खिलाफ आवाज उठाया

1859 में अंग्रेजों द्वारा मंदिर और मस्जिद के मध्य एक दीवार खड़ी कर दी गई अट्ठारह सौ पचासी में महंत रघुवर दास ने उस चबूतरे पर मंदिर बनाने की इजाजत मांगी जो कि सन 1886 में खारिज कर दी गई इस तरह आए दिन वह दंगे भड़के।

बाबरी मस्जिद ढ़हाया  गया :
आए दिन हिंदू मुस्लिम के मध्य झगड़े और झड़प होते गए और सन 1934 में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए और मस्जिद का एक हिस्सा ढहा दिया गया किंतु सन 1944 को इसे सुननी प्रॉपर्टी घोषित कर दी गई

आजादी बाद दिसंबर 1949 में अखिल भारतीय रामायण महासभा के द्वारा 4 दिन का राम चरित पाठ किया गया इसी दौरान मंदिर के अंदर राम सीता की एक मूर्ति रखी गई यह एक विवादित स्थल घोषित कर दिया गया तथा मस्जिद पर जाने से रोक भी लगा दी गई 16 जनवरी 1950 को एक केस लगाया गया और मस्जिद में पूजा करने की इजाजत मांगी गई

सन 1954 में एक तीसरा पक्ष निर्मोही अखाड़ा सामने आया जिसने मस्जिद को अपना दावा पेश किया ऐसा ही कई वर्षों तक चलता रहा अंततः सन 1985 में फैजाबाद अदालत में मस्जिद का ताला खोला गया और मस्जिद में पूजा भी की गई इस समय के प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी पर कई दबाव बनाए गए।

इसके पूर्व भी हो चुकी है राम मंदिर बनने की तारीख तय :

9 नवंबर 1989 राम मंदिर के शिलान्यास का वक्त तय किया गया इसकी पहली शीला कामेश्वर चौपाल पर रखी गई राजीव गांधी पर दबाव डालकर सन 1990 में दंगे भड़कने पश्चात यूपी के मुख्यमंत्री मुलायम यादव द्वारा कारसेवकों पर गोली चलवाई गई जिसमें 28 लोगों की मौत हो गई।

इससे नाराज होकर पूरे देश से आए कारसेवकों ने सन 1992 में मस्जिद को ढहा दिया गया इसके अगले संसद सत्र में पीवीसी नरसिम्हाराव द्वारा खेत प्रकट किया गया तथा मस्जिद के पूर्व निर्माण की बातचीत की गई

2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा विवादित विवादित जमीन को तीनों पक्ष सुननी निर्मोही और रामलला को बराबर बराबर बांट देने का निर्णय किया गया परंतु तीनों पक्षों में इस पर असहमति जाहिर की गई तथा इसे उच्चतम न्यायालय में अपील की गई।

राम मंदिर की स्थापना :

9 नवंबर 2019 को उच्चतम न्यायालय ने पूर्ण रूप से संपूर्ण जमीन को रामलला को सौंप दी राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन हुआ जिसमें 2 दशमलव 77 एकर की जमीन तथा दान के जमीन को मिलाकर लगभग 120 एकड़ में राम मंदिर का निर्माण की बात कही गई

कैसा होगा राम मंदिर का ढांचा :

राम मंदिर  तीन मंजिला होंगा जिसकी ऊंचाई 161 फीट होगी जिसमें गुंबद ओं की संख्या 5 प्रवेशद्वार ओं की संख्या 5 होगी मंदिर की कुल लंबाई 268 फीट चौड़ाई 140 फीट होगी 3 मंजिला इस मंदिर में 318 खंबे होंगे हड़ताल पर 106 खंबे होंगे मंदिर में दो चबूतरे पहला 8 फीट और दूसरा 10 फीट चौड़ा बनाया जाएगा।

राम मंदिर संपूर्ण तौर पर संगमरमर द्वारा निर्मित किया जा रहा है जिसमें 24 दरवाजों का एक चौखट होगा
राम मंदिर के वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा द्वारा तैयार किए गए इस नक्शा में राम मंदिर भूतल में गर्भ गृह सिंहद्वार नृत्य द्वार रंग मंडप तैयार किया जाएगा प्रथम तल में राम दरबार की मूर्तियां विराजित की जाएगी अभी तक 80000 टन फिर पत्थर तरह स जा चुके हैं और इतने ही तरह से जाने की उम्मीद है जिसका निर्माण मकराना राजस्थान में चल रहा है
 इसका निर्माण लगभग 3 साल में पूर्ण होने की उम्मीद जताई जा रही है

सीता मंदिर का भी होगा निर्माण :

राम मंदिर के वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा द्वारा राम मंदिर के साथ-साथ सीता मंदिर का भी निर्माण किया जाएगा जहां पर पूर्व में सीता रसोई था उसी स्थान पर सीता मंदिर का निर्माण किया जाएगा

राम मंदिर की लागत :

राम मंदिर जो कि धर्म से जुड़ा हुआ है इसकी लागत को आकना सही नहीं है परंतु फिर भी इसकी लागत लगभग 300 करोड अनुमानित कि गई है वास्तुकार चंद्रकांत द्वारा इसके पूर्व 100 करोड का अनुमान लगाया गया था परंतु नए डिजाइन के बदलाव के कारण इसमें लगभग 300 करोड  लगने की आशंका है इसके अलावा कई पैसे दान में भी मिल रहे हैं।



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आयिए जाने Ayodhya Ram mandir के बारे में, राम मंदिर से जुड़े इतिहास के बारे में। आयिए जाने Ayodhya Ram mandir के बारे में, राम मंदिर से जुड़े इतिहास के बारे में। Reviewed by Devendra Soni on अगस्त 11, 2020 Rating: 5

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