नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो क्या है? सुसाइड रिपोर्ट के सारे आंकड़े जाने,

आए दिन हमें सुनने को मिलता है कि किसी व्यक्ति ने डिप्रेशन में आकर सुसाइड कर लिया, किंतु इसके पीछे की वजह जानने की किसी ने कोशिश नहीं की। देश में हालिया रिपोर्ट के अनुसार नेशनल सुसाइड रिपोर्ट में यह साबित हुआ कि देश का युवा आज उन परिस्थितियों के बोझ तले डूब गया है जिससे वह अपने जीवन के अंत करने को आतुर हो जाता है। आखिर क्या है सुसाइड और netional suicide report 2020? जाने


सुसाइड क्‍या होता है ?


अगर कोई व्यक्ति खुद को मारना चाहे, तो उसे सुसाइड या आत्म हत्या कहते हैै अगर कोई खुद को मारने की बातें करता है, उसको सुसाइडियल बिहेवियर हैं। देश में हालिया सुसाइड रिपोर्ट में यह साबित हुआ हैै कि सुसाइड की सबसे प्रमुख वजह डिप्रेशन है। देश का 18 से 30 उम्र का युवा सुसाइड जैसे कृत्य को अंजाम देेे रहा है।


देश में सुसाइड को लेकर कोई जागरूकता नहीं:

भारत जैसे विशाल युवा देश जहां पर 65% से अधिक युवा निवास करते हैं उस देश में ही सुसाइड को लेकर किसी में जागरूकता नहीं है ना ही सरकार द्वारा ऐसे कदम उठाए गए हैं कि युवाओं को इसके प्रति जागरूक किया जा सके।

इसके विपरित हाई इनकम कंट्री में स्‍कूल-कॉलेजों में जिंदगी की समस्‍याओं और सुसाइड के बारे में बात होती है, पढ़ाया जाता है। लेकिन मिडिल और लो इनकम ग्रुप वाले कंट्री जैसे, इंडिया, ब्राजील, रूस इनमें ऐसा नहीं होता है। यही वजह से 79 प्रतिशत सुसाइड मिडिल और लो इनकम ग्रुप वाले कंट्री में होता है। ना सिर्फ भारत सुसाइड अब पूरे विश्व भर में सुनाई देने लगा है आए दिन छोटे से छोटा व्यक्ति और बड़े से बड़े अभिनेताओं की सुसाइड की खबरें मन को अंदर से झंझोर देती है।


विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (World Suicide Prevention Day):

गत वर्ष भी 10 सितंबर को यह दिवस मनाया गया। WHO की ओर से घोषित यह वर्ष इस साल इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि हाल में सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस सामने आया यह खबर हर एक व्यक्ति के जबान पर है। इस दिवस का उद्देश्य लोगों में सुसाइड जैसे नकारात्मक कृत्य के प्रति जागरूकता लाना है इस दिवस को सर्वप्रथम 2003 में मनाया गया था तथा 2020 की थीम आत्म हत्या को रोकने के लिए मिलकर काम करना है। Theme : “working together to prevent suicide”.


दुनिया में आत्‍महत्‍या की रिपोर्ट:


डब्‍ल्‍यूएचओ के अनुसार दुनियाभर में आठ लाख लोगों की मौत सुसाइड करने से होती है। भारत में सबसे ज्‍यादा सुसाइड होते हैं। 2019 में भारत में 1,39,123 लोगों ने सुसाइड कर लिया। जिसका अर्थ औसतन हर दिन 381 सुसाइड। देश में 20 सुसाइड में से एक की मौत होती है। जिसका अर्थ यह है कि इसे बचाया जा सकता है।केेेवल और केेेेवल व्यक्ति की सोच में बदलाव और जागरुकता लाकर।

 

Accidental Deaths & Suicides in India 2019:


हालिया नेशनल क्राइम ब्यूरो रिपोर्ट NCRB के अनुसार वर्ष 2019 में 381 सुसाइड हर दिन जिसका अर्थ है भारत में हर चार मिनट में एक सुसाइड होता है। तथा एक साल में 1,39,123 लोगों ने आत्‍महत्‍या की। वर्ष 2019 में 42,480 किसान और डेलीवेजर्स रोज कमाने खाने वालो ने सुसाइड किया। 


देश के राज्यों में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और कर्नाटक के रहवासियो में ही देश का 50 प्रतिशत सुसाइड होता है। बिहार राज्य में आत्महत्या की दर सबसे कम है तथा पूरे देश में किसानों की आत्महत्या की दर 7.4% (सबसे अधिक) है।


क्या है NCRB(National crime record bureau)? 


NCRB का पूर्ण रूप नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्‍यूरो है। यह गृह मंत्रालय के अंतर्गत एक सरकारी संस्था है। इस संगठन का कार्य क्राइम से संबंधित डेटा को कलेक्‍ट करने और अनैलिसिस करने का है। इसका गठन सन् 1986 में किया गया था जिसका मुख्यालय राजधानी नई दिल्ली में स्थित है।


गत वर्षो में हुए सुसाइड:

देश में गत वर्षो में हुए सुसाइड के आंकड़े निम्नलिखित है,
2017 में 1,29,887, 2018 में 1,34,516, 2019 : 1,39,123 सुसाइड केस। अतः इन आंकड़ों में देखा जा सकता है की साल दर  साल सुसाइड के मामले बढ़ रहे हैं।


पांच राज्‍यों में देश का 50% सुसाइड केस :


देश में कुल 50% सुसाइड केस तो केवल पांच राज्यो में होती है।जिनमें महाराष्ट्र में 13.6% में, तमिलनाडु में 9.7 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल मेंें 9.1%, मध्य प्रदेश में 9.0 प्रतिशत तथा कर्नाटका में 8.1 प्रतिशत सुसाइड केस होतेे हैं।

लिंग के आधार पर सुसाइड दरो में पुरुषों की संख्या 70.2% तथा महिलाओं की 29.8% है अर्थात पुरुषों में सुसाइड करने की दर अधिक है।


अन्‍य राज्‍यों में सुसाइड


अन्य राज्यों में सुसाइड के केस निम्नलिखित हैं देश में सबसे कम सुसाइड की दर बिहार राज्य की है। 

Kerala: 6.1%, Telangana: 5.5%, Gujarat: 5.5%, Chhattisgarh: 5.5%, Andhra Pradesh: 4.6%, Uttar Pradesh: 3.9%, Odisha: 3.3% 


18-30 वर्षो के युवाओं में सुसाइड कि दर अधिक: 


देशभर में 18 से 30 वर्ष तक के व्यक्तियों ने आत्महत्या की दर सबसे अधिक है उसके पश्चात 30 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों में सुसाइड कि दर है, आइए जाने पूरी रिपोर्ट,


10-18 वर्ष 9,613 केेस, 18 – 30 वर्ष: 48,774 केस, 30 वर्ष से ज्‍यादा: 44,287 केेस, 45- 60 वर्ष : 25,436 केस, 60 वर्ष से ज्‍यादा : 11,013 केस मौजूद है जिन से यह स्पष्ट है कि युवा आज किन परिस्थतियों से जूझ रहा है

आत्महत्या का तरीके में हैंगिंग: 53%, जहर: 25%,  स्‍टूडेंट अन इंप्‍लॉयड : (17.5%) केस दर्ज की गई है।


सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस : 

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड की काफी चर्चा है, लेकिन अगर आंकड़ा देखें तो गुरुदत्‍त से लेकर जिया खान से लेकर सुशांत सिंह राजपूत तक बहुत से फेमस लोगों ने भी सुसाइड किए)

सबकी जिंदगी में कोई न कोई प्रॉब्‍लम होता है। किसी की फाइनेंशियली, किसी की सोशली, किसी के इमोशनली।

जीवन का नाम वही होता है, जो इन प्रॉब्‍लम्‍स के बैरियर को तोड़ते हुए आगे बढ़ें। सबसे बड़ा चैलेंज होता है कि आप खुश रहकर चैलेंज का सामना करे।


2019 के दौरान आत्महत्या के कारण :

इस रिपोर्ट के अनुसार लोगो की पारिवारिक समस्यायों के कारण सबसे जुड़ा लोगों ने सुसाइड किया है।पारिवारिक समस्याएं से 32.4%, बीमारी: से 11%, नशीली दवाओं का सेवन / लत: से 5.6%, विवाह संबंधी मुद्दे से 5.5%, प्रेम प्रसंग से 4.5%, दिवालियापन या ऋणग्रस्तता से 4.2% केस दर्ज किए गए है।


सरकार द्वारा चलाए गए जागरूकता अभियान:


केंद्र सरकार के द्वारा ‘किरण’ हेल्पलाइन सेवा लांच की है। इसका टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800-599-0019 है। इसका उद्देश्‍य चिंता, डिप्रेशन, पैनिक अटैक, एडजस्टमेंट डिस्ऑर्डर, पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिस्ऑर्डर, सब्सटेंस एब्यूज, सुसाइडल थॉट्स, महामारी के चलते पैदा हुए मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध कराना है।

छत्तीसगढ़ सरकार का स्पंदन अभियान:

छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरॉना काल में पुलिसकर्मियों के साथ होने वाले डिप्रेशन और अन्य मानसिक गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए तथा उसके प्रति जागरूकता पैदा करने स्पंदन अभियान का कार्यक्रम शुरू किया है जिसका उद्देश्य पुलिसकर्मियों का अकेलापन, डिप्रेशन, पैनिक होना इत्यादि कारणों से मुक्ति दिलाना है।


कुल मिलाकर यही निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि देश में युवाओं को हर जगह पर दबाया जा रहा है, हर परिस्थितियों में उन्हें नेगलेक्ट किया जा रहा है। भारत जैसे युवा देश में ऐसा होना, ना सिर्फ आने वाली पीढ़ियों के लिए हानिकारक है अपितु देश का विकास असंभव है। जिन देशों ने युवाओं को कोई महत्व नहीं दिया वह आज भी विकसित नहीं हो पाए है सरकार को चाहिए कि देश में युवा को हर संभव मदद की जाए, बचपन से ही उन्हें जीवन की हर एक पड़ाव के बारे में पढ़ाया जाए, सुसाइड को लेकर लोगों में जागरूकता आए ताकि देश का विकास संभव हो सके।


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नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो क्या है? सुसाइड रिपोर्ट के सारे आंकड़े जाने, नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो क्या है? सुसाइड रिपोर्ट के सारे आंकड़े जाने, Reviewed by Devendra Soni on सितंबर 15, 2020 Rating: 5

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