Optical fibre क्या है? भारत ने कैसे बिछाया समुद्र तल में optical fibre (प्रकाशीय तंतु)

भारत की मुख्य भूमि से दूरी पर स्थित भारत का वह हिस्सा जो समुद्र में द्वीपों का समूह है अब भारत सरकार ने वहां तक भी अपने ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क पहुंचा दिया , वह स्थान है अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह। ऑप्टिकल फाइबर लगने से वहां 4G 5G को  पहुंचने में काफी सहूलियत होगी।
Optical fibre

इसी स्थान पर अंग्रेजों द्वारा सुभाष चंद्र बोस को अंडमान निकोबार गिफ्ट के स्वरूप दिया गया था, ऐसा माना जाता है। अंडमान निकोबार के सेल्यूलर जेल जिसे हम काला पानी की सजा के नाम से जानते हैं वह यही स्थित है ।जेलों की दीवारों पर कोयले से भारतीय स्वतंत्रता इतिहास लिख दिया था, जितने भी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में थे उन्हें यहां बंदी बना लिया जाता था।

अंडमान निकोबार भारत की मुख्य भूमि से अलग है अंडमान निकोबार में नेटवर्क की मौजुदगी  तो थी किंतु 4G 5G की पहुंच पाने ऑप्टिकल फाइबर को लगाना आवश्यक था, इसीलिए चेन्नई से अंडमान में एक नेटवर्क बिछा दिया गया इसे समुद्र के नीचे से 2300 किलोमीटर लम्बाई पर समुद्र तल पर बिछाया गया है भारत की मुख्य भूमि से टेलीकम्युनिकेशन को अंडमान निकोबार में पहुंचाया गया है।

4G का मैक्सिमम स्पीड 200 से 300 एमबीपीएस और वही 5G की मैक्सिमम स्पीड 1 से 10 जीबीपीएस अर्थात 10GB तक की स्पीड हमें मोबाइल नेटवर्क से मिल सकती है किंतु यह संभव नहीं है क्योंकि जहां से यह आता है वहां की अधिकतम स्पीड 10 जीपीएस होती है जब वहां से यह नेटवर्क आता है तो बहुत सी हानि होती है जिसकी वजह से हमें उससे कम ही स्पीड मिल पाती है।

AGR (एडजेस्टेड ग्रॉस रिवेन्यू):

AGR का पूर्ण रूप ग्रॉस रिवेन्यू  होता है। देश की सारी टेलीकॉम कंपनी जिओ, आइडिया, वोडाफोन, एयरटेल आदि सभी टेलीकॉम कंपनियों का साल भर का मुनाफा का 5% भाग उन्हें इसमें देना पड़ता है, यह टैक्स के तौर पर लिया जाता है।
इसे कलेक्ट करने की जिम्मेदारी यूएसएल अर्थात यूनिवर्सल सर्विस लैब का होता है।
 
आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा:

इस ऑप्टिकल फाइबर को बीएसएनल BSNL भारत संचार निगम लिमिटेड द्वारा बिछाया गया है, बीएसएनएल एक स्वदेशी कंपनी है इससे आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा मिला है, स्वदेशी कंपनी का ऑप्टिकल फाइबर का बिछाना एक बहुत बड़ी बात है क्योंकि इस रेस में विश्व भर की मल्टीनेशनल कंपनी चाइना, जापान, अमेरिका, रूस जैसे देशों की कंपनियों को मौका मिला था किंतु भारत ने अपने ही स्वदेशी कंपनी को इसका जिम्मा सौंपा।

क्या है ऑप्टिकल फाइबर:

आर्टिकल फाइबर का हिंदी स्वरूप प्रकाशिक तंतु है, यह तार की तरह होता है एक तरफ से तरंग को भेजा जाता है जो कि तार के अंदर से परिवर्तित होते हुए एक सिरे से दूसरे सिरे तक पहुंचती है। इसका आविष्कार नरेंद्र सिंह कपानी जोकि भारतीय मूल के हैं उन्होंने एक ऐसा ऑप्टिकल फाइबर बनाया जिसे कहीं भी मोड़ा जा सकता था, वह फ्लैक्सिबल था। तरंग को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम की सहायता से एक स्थान से दूसरे स्थान पहुंचाया जा सकता था। क्योंकि लाइट की स्पीड बहुत ज्यादा होती है एक ऐसा माध्यम बनाया गया जिसमें से यह तरंग एक खोखले वायर के थ्रू स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से ट्रांसमिट की जा सकती है।

समुद्र तल पर बिछाया गया ऑप्टिकल :
Optical fibre
बीएसएनएल द्वारा ऑप्टिकल फाइबर को भारत की मुख्य भूमि तमिलनाडु राज्य के राजधानी चेन्नई से अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह तक लगभग 2315 किलोमीटर तक समुद्र की सतह पर लगाया गया है, यह कार्य बहुत ही कठिन कार्य है। इसे समुद्र में मशीनों की सहायता से लगाया जाता है। इसे समुद्र तल पर लगाया जाता है ताकि समुद्री जीव जंतु इसका किसी प्रकार से हानि न पहुचा सके, ना ही उन्हें ऑप्टिकल फाइबर का कोई नुकसान पहुंच सके।
Optical fibre

ऑप्टिकल फाइबर में 8 लेयर सिक्योरिटी :

ऑप्टिकल फाइबर में 8 लेयर सिक्योरिटी लगाई जाती है सबसे पहले सिक्योरिटी पॉलीमर की होती है, उसके अंदर एक स्टील की लेयर लगाई थी। उसके बाद एक वाटरप्रूफ कोटिंग, उसके बाद स्टील की एक और लेयर, उसके बाद और कई परत होते हैं जिसके अंदर एक प्रकाशिक तंतु लगा होता है जिस की मोटाई बहुत ही कम होती है किंतु इसे बचाने के लिए उसके ऊपर एटले सिक्योरिटी लगाना आवश्यक हो जाता है ताकि समुद्री जीव कोई हानी ना पहुंचा सके।

अंडमान निकोबार तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाने के उद्देश्य :

भारत की मुख्य भूमि से अलग अंडमान निकोबार द्वीप समूह में सेटेलाइट द्वारा ही नेटवर्क गया जाता था, इसके वजह से वहां पर  नेटवर्क कनेक्टिविटी की काफी दिक्कत आती थी इसे दूर करने के लिए वहां ऑप्टिकल फाइबर को जोड़ा गया है। यह ऑप्टिकल फाइबर पूरे विश्व भर में अलग-अलग अन्य देशों से जुड़ा होता है इसी वजह से हम आज अपने मोबाइल में अमेरिका जैसे इतने दूर देश की न्यूज़ भी सैकड़ों में पा सकते हैं ठीक उसी प्रकार अंडमान निकोबार में नेटवर्क कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए एक अच्छा उपाय है।

अंडमान निकोबार द्वीप समूह में भारत के सेनाओं जल सेना, थल सेना और वायु सेना तीनों की मुख्य कमान मौजूद है। रक्षा क्षेत्र का मुख्य स्थान होने कि वजह से नेटवर्क कि गति तीव्र होना जरूरी है, ताकि मुख्य भूमि की तीनों सेनाओं की नेटवर्क कनेक्टिविटी मजबूत हो सकती है।

इसके अलावा टूरिज्म को बढ़ावा देने तथा यहां के लोगों को नेटवर्क से कनेक्ट करने के लिए यह काफी जरूरी था। सरकार द्वारा 5G को लांच करने का भी यह एक मुख्य कदम है।

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Optical fibre क्या है? भारत ने कैसे बिछाया समुद्र तल में optical fibre (प्रकाशीय तंतु) Optical fibre क्या है? भारत ने कैसे बिछाया समुद्र तल में optical fibre (प्रकाशीय तंतु) Reviewed by Devendra Soni on अगस्त 17, 2020 Rating: 5

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