idea-vodafone telecom company का नाम बदला, वोडाफोन ने भारत सरकार के विरुद्ध जीता 12 हजार करोड़ का केस जाने वजह,

भारत के टेलीकम्युनिकेशन कंपनियां जिनकी बदौलत हम दूसरो से कॉलिंग, चैट, वीडियो कॉलिंग इत्यादि के पा रहे है।आज भारत की जानी मानी दो टेलीकॉम कंपनी आपस में मिलकर एक टेलीकॉम कंपनी बन गई है।टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया ने अपना नाम परिवर्तित के दिया है । अब से इसी परिवर्तित नाम से टेलीकॉम कंपनी के सिम की बिक्री होगी,जाने क्या रखा गया है नाम? क्या है नाम बदलने के पीछे की वजह? वोडाफोन ने जीता भारत सरकार के विरुद्ध 20,000 का केस ,आगे पढ़े,

वोडाफोन आइडिया का बदला नाम:
 
भारत की जानी मानी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया ने अपना नाम बदलकर VI रखा है। कंपनी ने इस नये नाम की लॉन्चिंग 7 सितंबर 2020 को की है। साथ ही साथ ने लोगों का पदार्पण भी किया गया है,


VI (वीआई) का पूरा नाम अब वोडाफोन आइडिया लिमिटेड होगा। दो कंपनी का मेल होने से यह एक बड़ी टेलीकॉम कंपनी बन चुकी है।


क्यों बदला नाम:


कई दिनों से वित्तीय संकट से जूझ रही टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) ने खुद की Vi ब्रांड तौर पर रिब्रांडिंग की घोषणा की है।


रिलायंस ग्रुप की कंपनी जियो के टेलिकॉम बाजार ने उतरने से वोडाफोन और आइडिया की वित्तीय स्थिति काफी खराब होने लगी थी और उन्होंने आपस में विलय का फैसला किया था।

इन दोनों कंपनियों का विलय करीब दो साल पहले 2018 में हुआ था। लेकिन दोनों कंपनियों को आइडिया और वोडाफोन के नाम से चलाया जा रहा था।
2018 से ही इसकेे मर्जर की प्रोसेस चल रही थी।जो अंततः 7 सितंबर 2020 को पूरी हुई। कंपनी के सीईओ रविंदर टक्‍कर हैं। 


सुप्रीम कोर्ट ने दी बड़ी राहत :

कुछ समय पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को बड़ी राहत दी है।सुप्रीम कोर्ट ने कपंनी के समायोजित सकल आय (एजीआर) को चुकाने के लिए 10 साल का समय दे दिया है। कोर्ट के आदेश के हिसाब से कंपनी समायोजित सकल आय का 10% चालू वित्त वर्ष में चुकाना होगा। और बचे हुए पेमेंट को अगले 10 साल तक 10 किस्‍तों में जमा कराना होगा।


इस कंपनी पर करीब 58,000 करोड़ से ज्‍यादा का एजीआर कर्ज बाकी है। इसमें से कपंनी 7,854 करोड़ का पेमेंट कर चुकी है।


VI नाम को किया तय:

वोडाफोन का पहला अक्षर V तथा आइडिया के पहले अक्षर I को सम्मिलित कर इसे VI का नाम दिया गया । टीवी या अन्य जगहों पर एडवरटाइजिंग भी इसी नाम से की जाएगी तथा मार्केट में VI के सिम भी मिलने लगे है। अब देखना यह होगा कि यह अपने ग्राहकों के लिए कैसे ऑफर्स लाती है,जिससे ग्राहक व के प्रति आकर्षित हो सके।

वोडाफोन ने भारत सरकार के खिलाफ 20 हजार करोड़ रुपये का जीता केस?

वोडाफोन ग्रुप ने भारत सरकार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता पंचाट (Permanent Court of Arbitration) केस जीत लिया है,ये मामला 20,000 करोड़ के टैक्स विवाद का है जिसे रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स कहा जाता है।

इस मामले में 12,000 करोड़ का ब्याज और 7,900 करोड़ का जुर्माना शामिल है,ट्रिब्यूनल ने कहा कि ये टैक्स भारत और नीदरलैंड्स के बीच निवेश करार के खिलाफ है।


क्या होता है रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स?


रेट्रोस्पेक्टिव टैक्सेशन टैक्स की वह प्रक्रिया है, जिसमें यह कानून के पास होने की तारीख से पहले लागू हो जाती है। अर्थ्थात, अगर 26 सितंबर 2020 को यह कानून पास किया जाता है तो इसे 20 सितंबर 2020 को भी लागू किया जा सकता है।


कोई भी देश इस तरह के कानून इसलिए पास करता है ताकि वहां के टैक्स डिपार्टमेंट को टैक्स वसूली में कानूनी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े। टैक्स विवाद होने पर सरकारें रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स रूट का सहारा लेती हैं और अपने वर्तमान कानून में संशोधन करती हैं, फिर उसे पुरानी तारीख से लागू कर दिया जाता है।

क्या है यह विवाद?


वोडाफोन ने 2007 में हच (Hutchison Whampoa) को खरीद कर भारतीय बाजार में एंट्री की थी। वोडाफोन ने हच मे 67 फीसदी हिस्सेदारी उस समय 11 अरब डॉलर में खरीदी थी।

इस डील में हच का इंडियन टेलिफोन बिजनस और अन्य असेट शामिल हैं। उसी साल सरकार ने वोडाफोन से कहा कि उसे कैपिटल गेन और विद होल्डिंग टैक्स के रूप में 7990 करोड़ रुपये चुकाने होंगे।ऐसे में वोडाफोन को पेमेंट से पहले यह पैसा टैक्स के रूप में काट लेना चाहिए। वोडाफोन इनकम टैक्स के इस दावे के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंचा। 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वोडाफोन पर हिस्सेदारी खरीदने के कारण टैक्स लाएबिलिटी नहीं बनती है। उसने इनकम टैक्स ऐक्ट 1961 का जो अर्थ निकाला है, वह ठीक है।

प्रणब मुखर्जी ने बदला था यह कानून


उस समय प्रणब मुखर्जी देश के वित्त मंत्री थे। जिनका हाल ही में निधन हो गया,उन्होंने फाइनैंस ऐक्ट में बदलाव कर दिया। फाइनैंस ऐक्ट में बदलाव के कारण इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स का पावर मिल गया। इस टैक्स के लागू होते ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट वोडाफोन से टैक्स वसूली के लिए पीछे पड़ गया।

Permanent Court of Arbitration का मुख्‍यालय – द हेग, नीदरलैंड में है जिसकी स्थापना – 1899 में हुई थी।

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idea-vodafone telecom company का नाम बदला, वोडाफोन ने भारत सरकार के विरुद्ध जीता 12 हजार करोड़ का केस जाने वजह, idea-vodafone telecom company का नाम बदला, वोडाफोन ने भारत सरकार के विरुद्ध जीता 12 हजार करोड़ का केस जाने वजह, Reviewed by Devendra Soni on सितंबर 09, 2020 Rating: 5

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