क्या है, Railway का Zero carbon mission? भारतीय रेलवे के solar power plants कहां है?

भारतीय रेलवे ने 2030 तक 'नेट जीरो' कार्बन मिशन का लक्ष्य रखा। भारतीय रेलवे द्वारा चलाए जाने वाले जीरो कार्बन मिशन का उद्देश्य केवल इतना है कि रेलवे से किसी प्रकार का पर्यावरण प्रदूषण ना हो तथा पर्यावरण को कम से कम हानि हो । सूर्य की किरणों के  माध्यम से विद्युत प्राप्त करने से कम लागत में विद्युत प्राप्त होती है, साथ ही साथ पर्यावरण में कम से कम कार्बन का उत्सर्जन होता है, इससे ना केवल रेलवे का मुनाफा है, अपितू वातावरण को प्रदूषण मुक्त बनाया जा सकता है। आयिये जानते है रेलवे का zero carbon mission क्या है ?

भारतीय रेलवे का zero carbon mission :

भारतीय रेलवे का लक्ष्य है कि 2030 तक भारतीय रेलवे को पूर्णतः सोलर एनर्जी का प्रयोग कर अपनी सुविधाए दे पाए। रेलवे सूर्य के किरणों से सौर ऊर्जा लेकर उससे विद्युत उत्पादन कर रेलवे को सुचारू रूप दे सके जिससे कम से कम कार्बन का उत्सर्जन हो । सोलर माध्यम से रेलवे एक पूरी तरह ग्रीन मोड ट्रांसपोर्टेशन (green mode transportation) बन सके।

 "भारतीय रेलवे विश्व की पहली ऐसी रेल ट्रांसपोर्टेशन संस्था होगी जो अपनी ऊर्जा ज़रूरतें स्वयं पूरी करेगी."

भारतीय रेलवे ने अपनी दशकों से खाली पड़ी ज़मीनों पर सोलर पावर प्लांट लगाने का फ़ैसला किया है, रेलवे इस महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट के माध्यम से ट्रेनों को सोलर पावर से चलाने की योजना पर काम कर रहा है। रेलवे ने 2030 तक ‘नेट ज़ीरो’ कार्बन एमिशन मास ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क बनने का लक्ष्य रखा है, जिसके चलते रेलवे अब इस प्रोजेक्ट को शुरू करने जा रहा है.

इसके तहत रेलवे ने अपनी ख़ाली पड़ी ज़मीनों पर सोलर प्रोजेक्ट लगाने के टेंडर देने भी शुरू कर दिए हैं. अब तक दो टेंडर निकाले गए हैं. इनके अतिरिक्त मध्य प्रदेश के बीना शहर में एक पायलट प्रॉजेक्ट जल्द ही शुरू होने वाला है. रेलवे ने अबतक देश में सौर ऊर्जा की मदद से कई रेलवे स्टेशनों की बिजली की जरूरतों को कम लागत में पूरा किया है ।


भारतीय रेलवे का लक्ष्य है कि सोलर एनर्जी के माध्यम से रेलवे एक पूरी तरह ग्रीन मोड ट्रांसपोर्टेशन बन सके। जैसा कि हमने बताया कि रेलवे विश्व की पहली ऐसी रेल ट्रांसपोर्टेशन संस्था होगी जो अपनी ऊर्जा ज़रूरतें स्वयं पूरी करेगी.। सोलर एनर्जी से चलने पर रेलवे ग्रीन रेलवे तो बनेगी ही आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य में भी एक बड़ा योगदान करेगी ।

देश भर के रेलवे स्टेशनों के रूफ़ टॉप पर लगे सोलर सिस्टम को जोड़ दें तो रेलवे 100 एमडब्ल्यूपी (MWP) क्षमता ऊर्जा का उपयोग शुरू कर चुका है. बीना के सोलर पॉवर प्लांट प्रॉजेक्ट से प्राप्त हो रही बिजली को ट्रेन चलाने के लिए बने ओवरहेड ट्रैक्शन सिस्टम से जोड़ कर ट्रेन चलाने के ट्रायल और टेस्टिंग का काम शुरू हो चुका है. आने वाले वक्त में इसे औपचारिक रूप से इस्तेमाल में ले लिया जाएगा

सोलर ट्रेन की टेक्नॉलाजी क्या है?

भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) के साथ मिलकर किया गया ये दुनिया का पहला ऐसा प्रॉजेक्ट है, जिसमें औपचारिक रूप से रेल को सोलर एनर्जी से चलाया जाएगा। इस टेक्नॉलोजी के तहत डाइरेक्ट करेंट (DC) को अल्टरनेट करेंट (AC) में बदला जाता है और इसे सीधे ओवरहेड ट्रैक्शन सिस्टम से जोड़ दिया जाता है।

बीना सोलर पावर प्लांट :

बीना, मध्यप्रदेश का एक शहर है जहां सोलर पावर प्लांट से सालाना लगभग 25 लाख यूनिट बिजली बनेगी। इससे रेलवे की सालाना 1.37 करोड़ रूपए की बचत होगी। साथ ही कम लागत में बिजली का उत्पादन हो सकेगा। रेलवे और भेल के बीच बीना का ये प्रॉजेक्ट 09 अक्टूबर 2019 को अनुबंधित हुआ था । जिसे सुचारू रूप दे दिया गया है।

रेलवे के अन्य सोलर पॉवर प्लांट :

पायलट प्रॉजेक्ट के तहत छत्तीसगढ़  के भिलाई में भी रेलवे का 50 एमडब्ल्यूपी (MWP) का सोलर पॉवर प्लांट तैयार हो रहा है, जिसे 31 मार्च 2021 से पहले इस्तेमाल में ले लिया जाएगा । रेलवे का तीसरा सोलर एनर्जी पायलट प्रॉजेक्ट हरियाणा के फ़तेहाबाद ज़िले के दीवाना गांव के पास रेलवे की ज़मीन पर लगाया गया है । आने वाले वक्त में दोनो solar power plant रेलवे को बिजली उत्पादन कर देंगे,जिससे रेलवे को सौर क्षमता से चलाया जा सके।

रेलवे लाईन के किनारे सोलर पैनल प्लांट लगाने की योजना :

रेलवे सोलर पॉवर प्लांट के अलावा रेलवे लाईन के किनारे- किनारे भी सोलर पैनल प्लांट लगाने की योजना पर  काम कर रही है, इससे रेलवे ट्रैक की सुरक्षा भी बढ़ेगी और रेलवे की ज़मीनों पर अवैध क़ब्ज़ों से भी बचत होगी। इन सब वजहों से ट्रेन की स्पीड बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
रेलवे आत्मनिर्भर बनेगी तथा कम लागत में ही बिजली उत्पादन कर रेलवे इंजनों को चला सकेगी।zero carbon का लक्ष्य रेलवे के लिए तो मुनाफे का सौदा है साथ ही साथ पर्यावरण को भी हानिकारक तत्वों जैसे कार्बन डाईऑक्साइड,कार्बन मोनआक्साइड,सल्फर डाइऑक्साइड से मुक्त कर पाएगी।


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क्या है, Railway का Zero carbon mission? भारतीय रेलवे के solar power plants कहां है? क्या है, Railway का Zero carbon mission? भारतीय रेलवे के solar power plants कहां है? Reviewed by Devendra Soni on अगस्त 02, 2020 Rating: 5

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